राजस्थान के कोटा बैराज से चंबल नदी में छोड़े गए पानी के बाद से जालौन में यमुना का जलस्तर लगातार तेजी देखने को मिल रही है। यमुना नदी का जल बीते 24 घंटे में 5 मीटर बढ़ चुकी है, पानी 10 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है, जिसको देखते हुए प्रशासन अलर्ट हो गया है, साथ ही कालपी तहसील के यमुना नदी किनारे बसे सभी गांव के लोगों को अलर्ट कर दिया है और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचना शुरू कर दिया है, जिससे बाढ़ की स्थिति से उन्हें बचाया जा सके।
बता दें कि लगातार दिल्ली एनसीआर और राजस्थान में हो रही मूसलाधार बारिश का असर नदियों पर दिखाई दे रहा है। पहले हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज, फिर राजस्थान के कोटा बैराज से चंबल में छोड़े गए पानी से चंबल और यमुना के जलस्तर में तेजी आई है, चंबल का पानी यमुना में मिलने से कालपी क्षेत्र में यमुना के जल स्तर में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है, बीते 24 घंटे में यमुना के जलस्तर में 5 मीटर की बढ़ोतरी हुई है। सुबह 11 बजे तक यमुना नदी का जलस्तर 105 मीटर को पार कर चुका है, जो खतरे के निशान 108 मीटर से महज 3 मीटर नीचे बह रहा है।
यमुना के जलस्तर में 10 सेंटीमीटर प्रति घंटे की बढ़ोतरी हो रही है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ के हालात बनते नजर आ रहे हैं, जिसको देखते हुए कालपी तहसील के उपजिलाधिकारी सुशील कुमार तथा तहसीलदार अभिनव त्रिपाठी द्वारा यमुना पट्टी में बसे देवकली, गुढ़ा, शेखपुर, मंगरोल, कालपी के कई मोहल्ले सहित दर्जनों गांव के लोगों को सतर्क कर दिया है, जिससे बाढ़ की स्थिति बनने पर उन्हें सुरक्षित निकाला जा सके, साथ ही प्रशासन ने उरई में एक बाढ़ कंट्रोल रूम बना दिया है, जिसकी निगरानी पंचायती राज विभाग के कर्मचारियों द्वारा की जाएगी इसके लिए नायब तहसीलदार हरदीप कुमार देखरेख करेंगे।
जालौन के अपर जिला अधिकारी वित्त एवं राजस्व संजय कुमार सिंह ने बताया कि सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक, दोपहर 2 बजे से रात्रि 10 बजे तक और रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक 3 शिफ्टों में 8-8 घंटे की कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है, साथ ही सभी के मोबाइल नंबर भी जारी किए गए हैं, ग्रामीण इलाकों के लोग हालत खराब होने पर कंट्रोल रूम पर सूचना दे सकते हैं, जिससे उन्हें सुरक्षित निकाला जा सके।
वही अपर जिलाधिकारी ने बताया कि अभी स्थिति सामान्य है, खतरे के निशान से यमुना 3 मीटर नीचे बह रही है, लेकिन यमुना के बढ़ते जल स्तर को देखते हुए सभी को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं, साथ ही सभी बाढ़ चौकियां पहले से ही अलर्ट हैं, जिससे स्थिति गंभीर होने से पहले ही निचले इलाकों में बसे गांव के लोगों को बाहर निकाला जा सके।