केंद्रीय राज्य मंत्री जालौन सांसद भानु प्रताप सिंह वर्मा की पहल काम आई है, उन्होंने एशिया की सबसे कम दूरी तय करने वाली जालौन की कोंच-एट शटल ट्रेन को तीन स्टेशनों के लिये आगे बढ़वा दिया गया है, जिसका नोटिफिकेशन रेलवे बोर्ड के निदेशक/कोचिंग-ll संजय आर नीलम ने जारी किया है उन्होंने बताया कि कोंच से एट चलने वाली शटल ट्रेन को तीन स्टॉपेज भुआ उरई और सरसौखी तक बढ़ाया गया है, जो सप्ताह में 6 दिन और दिन में 4 चक्कर लगाएगी।
निदेशक/कोचिंग-ll संजय आर नीलम ने 6 मार्च को पत्र जारी करते हुए बताया कि उत्तर मध्य रेलवे के अंतर्गत आने वाले कोंच एट की 13 किलोमीटर की दूरी के बीच चलने वाली शटल ट्रेन को आगे बढ़ाने के लिए जनता द्वारा मांग की गई थी, इस मांग को पूरी करने के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री जालौन सांसद भानु प्रताप सिंह वर्मा द्वारा पत्र प्राप्त हुआ था, इस पत्र का संज्ञान लेने के बाद भारत सरकार, रेल मंत्रालय और रेलवे बोर्ड ने जनता की मांग को ध्यान में रखते हुए कोंच स्टेशन से एट तक चलने वाली इस ट्रेन को एट स्टेशन से आगे सरसौखी स्टेशन तक बढ़ाया गया है।
यह ट्रेन सोमवार से शनिवार तक हफ्ते में 6 दिन कोंच से सरसैखी स्टेशन तक चलेगी, जिसका टाइम टेबल भी जारी कर दिया है, जबकि रविवार को यह ट्रेन कोंच से एट तक ही चलेगी। उन्होंने बताया कि यह है दिन में चार चक्कर लगाएगी सबसे पहले यह ट्रेन सुबह 4:25 पर कोंच से चलेगी जो एट, भुआ, उरई और सरसौखी सुबह 5:55 पर पहुंची। इसके बाद यह ट्रेन 20 मिनिट के ठहराव के बाद सरसौखी से 6:15 पर रवाना होगी, जो 7:45 पर कोंच पहुंचेगी, इसी तरह, फिर कोंच से 8:05 पर रवाना होगी जो 9:50 पर सरसौखी पहुंचेगी, जिसके बाद सरसौखी से 10:20 पर पहुंच के लिए रवाना होगी, जो 11:50 पर कोंच पहुंचेगी।
शटल ट्रेन दोपहर 3:00 बजे कोंच से ट्रेन 4:30 पर सरसौखी पहुंचेगी, बाद में यह ट्रेन सरसौखी से शाम 5 बजे चलेगी जो शाम 6:30 पर कोंच पहुंचेगी, जिसके बाद शाम 7:10 पर कोंच से आखिरी चक्कर पर सरसौखी के लिए रवाना होगी, जो शाम 8:40 मिनिट पर पहुंचेगी और रात में सरसौखी स्टेशन से वापिस 9:40 पर होगी, जो कोंच स्टेशन रात में 11:10 पर पहुंचेगी।
बता दें कि केंद्रीय राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह की पहल के बाद ही रेलवे बोर्ड में यह फैसला लिया है, यह ट्रेन एशिया की सबसे कम दूरी के कोंच और एट स्टेशन के बीच चलती थी, जिसकी दूरी मात्र 13 किलोमीटर की थी, मगर अब इस ट्रेन का नाम सिर्फ इतिहास के पन्नों में ही रह जाएगा।