जालौन के उरई के रहने वाले 10 साल के दो जुड़वा भाईयों ने 23 सितंबर को यूरोपीय देश जर्मनी के शहर बीलेफिल्ड में आयोजित हुई जूनियर मेंटल कैलकुलेटर वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतकर भारत का परचम लहराया है। जर्मनी से सिल्वर मेडल जीतने के बाद जैसे ही दोनों जुड़वा भाई उरई अपने घर पहुंचे तो दोनों भाइयों का परिवार के लोगों ने ढोल नगाड़ों के साथ जोरदार स्वागत किया, साथ ही जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय ने भी दोनों बच्चों को ट्राफी देकर सम्मानित किया, वही दोनों बच्चों की कामयाबी पर परिवार के लोग भी काफी खुश नजर आ रहे हैं।
उरई के मोहल्ला पाठकपुर के रहने वाले नवनीत महेश्वरी और पूजा महेश्वरी के 10 वर्षीय जुड़वा बेटे ऋषभ महेश्वरी और राघव माहेश्वरी पिछले 6 साल से ह्यूमन कैलकुलेटर की तैयारी कर रहे थे, दोनों को एक अकादमी द्वारा ट्रेनिंग दी जा रही थी, जब दोनों 4 साल के थे तो उनकी टीचर श्रुति माहेश्वरी ने इन्हें ट्रेनिंग देना शुरु की और फिर दोनों के हुनर को कोटा की ट्रेंड अबेकस एकेडमी का संचालन करने वाले राहुल और सुनील ने परखा जिसके बाद दोनो जुड़वा बच्चों को आगे बढ़ने का मौका मिला। 2018 में कोटा की अबेकस एकेडमी से इस मिशन की शुरुआत हुई और दोनों का मिशन बढ़ता ही चला गया।
ऋषभ और राघव माहेश्वरी के पिता नवनीत माहेश्वरी और मां पूजा ने बताया कि पिछले डेढ़ साल से दोनों बच्चे इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने की तैयारी कर रहे थे और एकेडमी की मेल के द्वारा कन्फर्मेशन होने के बाद जर्मनी के बीलेफिल्ड शहर में 23 सितंबर को आयोजित हुई इस जूनियर मैंटल केलकुलेटर प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। इस प्रतियोगिता में दुनियाभर से 50 से ज्यादा देशों ने हिस्सा लिया था और हर एक ग्रुप में 30 बच्चे शामिल थे। जिसमें जूनियर फर्स्ट से ऋषभ और राघव ने ह्यूमन कैलकुलेटर में सिल्वर मेडल जीता।
इस अवॉर्ड के पहले दोनों बच्चों ने अपनी कड़ी मेहनत के दम पर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, एशिया बुक और रिकॉर्ड व इंडोनेशिया में गोल्ड मेडल जीतकर खुद के हुनर का डंका बजवाया था।
जर्मनी में आयोजित इस प्रतिगोतिया में सिल्वर मेडल जीतने के बाद जब 10 वर्षीय जुड़वा भाई ऋषभ और राघव अपने परिवार के साथ घर लौटे तो ढोल नगाड़ों के साथ उरई के रेलवे स्टेशन पर उनका फूल मालाओं के साथ दोनों का जमकर स्वागत हुआ। वहीं जालौन के जिलाधिकारी राजेश पांडेय ने भी होनहार बच्चों को सम्मानित किया। बच्चों की इस जीत पर परिवार के रविशंकर, बृजेश, दीपा, रागिनी और तारादेवी माहेश्वरी फूले नहीं समा रहे हैं तो वहीं शहर के लोग भी बेहद खुश नजर आ रहे हैं। बच्चों का कहना है कि अब वह यहां से और भी ज्यादा मेहनत करेंगे और पूरी दुनिया में तिरंगे के मान व सम्मान को ऊंचा रखेंगे।