Tuesday, June 24, 2025
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जालौन में नाबालिक से दुष्कर्म करने वाले युवक को 20 साल की सजा, एक अन्य मामले में दूसरे को 7 साल की सजा

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जालौन में 7 साल पहले एक 17 वर्षीय नाबालिक को युवक बहला फुसलाकर भाग ले गया था, जहां उसके साथ चार-पांच दिन दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया, इस मामले में लड़की के पिता ने मुकदमा पंजीकृत कराया था, इस मामले में शनिवार को न्यायालय स्पेशल पोक्सो के न्यायाधीश ने फैसला सुनाया जिसमें साक्षर गांव के आधार पर युवक को दोषी मानते हुए 20 साल के कारावास की सजा सुनाई गई, साथ ही न्यायालय ने 35 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।

इस मामले की पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता बृजराज राजपूत ने बताया कि 6 जून 2017 को कदौरा थाना क्षेत्र के ग्राम इकौना के रहने वाले रावेंद्र पुत्र मनीराम एक 17 वर्षीय नाबालिक को बहला फुसलाकर भगा ले गया था और 4-5 दिन अपने साथ रखकर उसके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था, नाबालिक के पिता ने कदौरा थाने में रावेंद्र के खिलाफ आईपीसी की धारा 363, 366 में मुकदमा पंजीकृत कराया था, जिस पर पुलिस ने सर्विलांस तथा कॉल डिटेल के आधार पर रावेंद्र को गिरफ्तार कर लिया था, साथ ही लड़की को भी बरामद करते हुए कोर्ट में उसके कलम बंद बयान दर्ज कराए थे, जिसमें न्यायालय के समक्ष लड़की ने युवक पर चार-पांच दिन तक रेप करने का आरोप लगाया था, जिस पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 376 और 3/4 पोक्सो एक्ट बढ़ाई थी।

इस मामले में पुलिस द्वारा न्यायालय में चार्ज दाखिल की गई थी, जिस पर कोर्ट में ट्रायल चला, शनिवार को अभियोजन और बचाव पक्ष की तरफ से बहस पूरी होने के बाद न्यायालय स्पेशल पॉक्सो के न्यायाधीश मोहम्मद कमर (एचजेएस) ने साक्ष्य और गवाहों के आधार पर नाबालिक को भगा ले जाने वाले और उसके साथ दुष्कर्म करने वाले रावेंद्र को दोषी मानते हुए 20 वर्ष के कारावास की तथा 35 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है, जुर्माना अदा न करने पर अतिरिक्त कारावास भुगतान होगा।

एक अन्य मामले में दूसरे युवक को 7 वर्ष का कारावास

एक अन्य मामले में पैरवी करने वाले शासकीय अधिवक्ता बृजराज सिंह राजपूत ने बताया कि औरैया जनपद के थाना बेला ग्राम मढ़ादासपुर का रहने वाला विक्रम सिंह पुत्र गिरीश चंद्र, कुठौंद थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली 15 वर्षीय पुत्रीय नाबालिग को 26 जून 2017 को बहला फुसलाकर फुसलाकर भाग ले गया था, इस मामले में नाबालिक के पिता ने उसके खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया था, शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि विक्रम की नाबालिक से मुलाकात मोबाइल के माध्यम से हुई थी, जिसे पुलिस ने आरोपी के साथ आजमगढ़ से बरामद किया था। इस मामले में साक्ष्य और गवाहों को पेश किया गया। शनिवार को इस मामले की पूरी बहस होने के बाद न्यायालय स्पेशल पॉक्सो के न्यायाधीश मोहम्मद कमर ने 363, 366, 7/8 पॉक्सो एक्ट में विक्रम को दोषी मानते हुए 7 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई, साथ ही 15 हजार का जुर्माना भी लगाया है।

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