जालौन में 9 साल पहले रुपए के लेनदेन को लेकर दबंगों ने एक दलित युवक को बेरहमी से पीटते हुए मरणासन्न कर दिया था, इस मामले में शुक्रवार को फैसला आया है, जालौन के न्यायालय, विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट के न्यायाधीश ने साक्ष्य और गवाहों के आधार पर पांच लोगों को दोषी मानते हुये 10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है, इस सुनवाई के दौरान एक आरोपी की मौत हो गई, वही सजा पाने वाले दोषियों पर 1 लाख 82 हजार रूपए का जुर्माना लगाया है।
इस मामले की पैरवी करने वाले शासकीय अधिवक्ता रन केंद्र सिंह भदोरिया ने बताया कि कालपी कोतवाली क्षेत्र के ग्राम लमसर का रहने वाला दलित युवक पदम सिंह पुत्र विनोद कुमार गाड़ी चलाकर अपना भरण पोषण कर रहा था। 21 जून 2015 की सुबह 8 बजे पदम सिंह से गांव के जितेंद्र पुत्र बृजलाल यादव से रुपए की लेनदेन को लेकर कहा सुनी हो गई थी। यह विवाद गांव के अन्य लोगों के पहुंचने पर शांत हो गया था। जब पदम सिंह गांव के घनश्याम सिंह पुत्र मातादीन के साथ घर वापस आ रहे थे, जब वह दोनों गांव के जितेंद्र पुत्र बृजपाल यादव के मकान के सामने सुबह 10 के करीब पहुंचे, तभी जितेंद्र ने अपने भाई सत्येंद्र यादव, धर्मेंद्र पुत्रगण बृजपाल के साथ मिलकर पदम सिंह की मारपीट करते हुए 1300 रुपए नगद, मोबाइल, व सोने की अंगूठी छीन ली। इस घटना के बारे में पदम सिंह ने पिता विनोद को इसके बारे में बताया।
जब पदम सिंह अपने पिता विनोद के साथ इस घटना की शिकायत लेकर कालपी कोतवाली जा रहे थे, तभी जितेंद्र कुमार यादव अपने भाई धर्मेंद्र यादव, सत्येंद्र यादव, पुत्रगण बृजपाल यादव, सुरेंद्र यादव पुत्र मजबूत सिंह, कल्लू उर्फ वेद नारायण यादव पुत्र पट्टू यादव, लल्लू उर्फ नंदकिशोर यादव पुत्र मेवालाल तथा रोहित यादव पुत्र कल्लू यादव अपने हाथों में लाठी-डंडा, कुल्हाड़ी लेकर आ गये और घर में घुसकर मारपीट करने लगे, जिसमें जितेंद्र यादव ने पदम सिंह को जान से मारने की नीयत से सिर पर कुल्हाड़ी से वार कर दिया, जिसे पदम सिंह ने पकड़ लिया और वह इस घटना में बच गया।
इस दौरान दबंगों ने पदम सिंह और उसके पिता तथा घर की महिलाओं को भी बेरहमी से पीटा, और महिलाओं के कपड़े तक फाड़ दिए। इस मारपीट में पदम सिंह और उसके परिवार के लोगों को गंभीर चोट आई। घटना को देख आसपास के लोग मौके पर पहुंचे, जिन्हें देखकर सभी दबंग दहशत फैलाते हुए हवाई फायरिंग करते हुए जान से मारने की धमकी देकर मौके से भाग गए। इस घटना की शिकायत पीड़ित पक्ष ने कालपी कोतवाली में की, जिस पर पुलिस ने जितेंद्र, धर्मेंद्र, सतेंद्र, सुरेंद्र, कल्लू, लल्लू, रोहित के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 452, 323, 504, 504, 307, 308 एवं 394 और 3(2)(v) एससी एसटी एक्ट की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया।
इस मामले की विवेचना तत्कालीन सीओ कालपी महेंद्र कुमार द्वारा की गई, साथ ही घटना में शामिल सभी लोगों को गिरफ्तार करते हुए जेल भेज दिया, बाद में न्यायालय में सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किए गए।
जिसका ट्रायल जालौन के न्यायालय विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी एक्ट) के न्यायाधीश शिवकुमार द्वितीय HJS की अदालत में चला, इस ट्रायल के दौरान मुख्य आरोपी जितेंद्र कुमार यादव की मौत हो गई जबकि अन्य पर ट्रायल चला रहा, जिसकी सुनवाई शुक्रवार को पूरी हुई।
दोनों पक्षों की तरफ से अधिवक्ताओं ने अपनी अपनी बहस की, इसके बाद न्यायाधीश शिवकुमार द्वितीय ने साक्ष्य और गवाहों के आधार पर धर्मेंद्र यादव सत्येंद्र यादव सुरेंद्र यादव रोहित एवं कल्लू उर्फ वेद नारायण को एससी एसटी एक्ट और आईपीसी की धारा 307 का दोषी मानते हुए 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा और एक लाख 82 हजार रुपए का आर्थिक दंड लगाया है, जिनके खिलाफ वारंट जारी करते हुए जेल भेज दिया।