जालौन जिले में साइबर क्राइम थाना और कोतवाली पुलिस की संयुक्त टीम ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह के 7 सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज, बैंकिंग सामग्री और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए हैं। गिरफ्तार किए गए आरोपी ऑनलाइन गेमिंग ऐप्स जैसे क्रिकबज, फेयरप्ले और लोटस के जरिए लोगों को ठगते थे।

एसपी डॉ. दुर्गेश कुमार ने मामले का किया खुलासा
जालौन के पुलिस अधीक्षक डॉ. दुर्गेश कुमार ने प्रेस वार्ता में बताया कि 4 जून को साइबर थाना व कोतवाली जालौन पुलिस की टीम को सूचना मिली कि कस्बा जालौन क्षेत्र के एक मकान में 7-8 लोग रुके हुए हैं, जो फर्जी बैंक खातों के माध्यम से लोगों को ऑनलाइन गेम खिलाकर ठगी कर रहे हैं। मुखबिर की सूचना पर पुलिस टीम ने छापेमारी कर 7 अभियुक्तों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया। उनके पास से 133 एटीएम कार्ड, 104 पासबुक, 11 चेकबुक, 80 सिम कार्ड, 32 मोबाइल फोन, 2 लैपटॉप, 1 वाई-फाई डिवाइस, 14 क्यूआर कोड और ₹74,500 नकद बरामद किए गए।

ठगी का तरीका बेहद शातिराना
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे क्रिकबज, फेयरप्ले और लोटस जैसे ऐप्स के फर्जी लिंक बनाकर लोगों को भेजते थे। इन लिंक को ओपन कराकर उन्हें गेम खेलने और पैसे डबल करने का लालच देते थे। लोग जब गेम में पैसा लगाते तो वह सीधे उनके फर्जी बैंक खातों में चला जाता। इसके बाद वे अपना मोबाइल नंबर और ठिकाना बदल लेते थे।
आरोपियों ने यह भी कबूला कि वे अलग-अलग शहरों में जाकर असली पहचान छिपाकर किराये के मकानों में रहते थे और कुछ ही समय में जगह बदल देते थे ताकि किसी को उन पर शक न हो। इसके अलावा, वे लोन दिलाने के नाम पर लोगों से उनके खाते, एटीएम और पासबुक भी ले लेते थे और उन्हीं खातों का इस्तेमाल ठगी में करते थे।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान
गिरफ्तार अभियुक्तों में विश्वजीत दांगी (दतिया, म.प्र.), कपिल सेन (झांसी), दीपक बघेल उर्फ दीपू (दतिया), उपहार श्रीवास्तव (मैनपुरी), सुनील जादौन व हर्ष गुप्ता (आगरा) और धर्मेन्द्र सिंह जादौन (भरतपुर, राजस्थान) शामिल हैं। ये सभी अभियुक्त पहले से संगठित रूप से साइबर ठगी में लिप्त थे और देश के कई राज्यों में इनके खिलाफ शिकायतें दर्ज हैं।
मल्टी-स्टेट साइबर फ्रॉड का नेटवर्क
एसपी के अनुसार, NCCRP पोर्टल पर इन आरोपियों के खिलाफ 35 ऑनलाइन शिकायतें विभिन्न राज्यों—महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा, राजस्थान, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, गुजरात और उत्तर प्रदेश के जिलों में दर्ज हैं। पुलिस इनके आपराधिक इतिहास की जांच आसपास के थानों व सीमावर्ती राज्यों से कर रही है।
सख्त धाराओं में केस दर्ज
इनके खिलाफ मुकदमा संख्या 167/2025 को धारा 3(5)/318(4)/112 BNS व 66 डी IT एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस इनके नेटवर्क की तह तक पहुंचने के लिए आगे की कार्रवाई में जुट गई है।