Monday, June 23, 2025
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जालौन में सगे भाइयों को आजीवन कारावास, 19 साल पहले रिटायर्ड फौजी की अपहरण के बाद कर दी थी हत्या

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जालौन में 19 साल पहले एक रिटायर्ड फौजी को अगवा कर दो सगे भाइयों ने बेरहमी से हत्या कर दी थी, इस मामले में जालौन न्यायालय स्पेशल डकैती कोर्ट के न्यायाधीश डॉक्टर अवनीश कुमार द्वारा साक्ष्य और गवाहों के आधार पर इस जघन्य वारदात को अंजाम देने वाले दोनों सगे भाइयों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, साथ ही कोर्ट में दोनों पर 50-50 हजार रुपए का आर्थिक दंड भी लगाया है। अर्थ दंड जमाना करने पर दोनों को 3 वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

शासकीय अधिवक्ता हृदेश कुमार पांडेय ने जानकारी देते हुए बताया कि रिटायर्ड फौजी अरविंद कुमार शर्मा निवासी बंगरा माधौगढ़, के पिता कैलाश नारायण पुत्र रामसेवक ने पुलिस को 2 मई 2006 को सूचना दी कि उसका पुत्र अरविंद शर्मा 16 अप्रैल 2006 को, उरई के टेलीफोन एक्सचेंज में सुरक्षा गार्ड की ड्यूटी करने के लिए जा रहा था, तभी उरई के जिला परिषद कार्यालय के पास मार्शल कार में सवार रेंडर थाना क्षेत्र के ग्राम रूरा सिरसा के रहने वाले शत्रुघ्न सिंह पुत्र विक्रम सिंह उर्फ बादशाह तथा सत्यवान सिंह उर्फ पप्पू सिंह पुत्र विक्रम सिंह ने उसके पीछे गाड़ी लगाकर रोक दी और गाड़ी से उतरकर पैर छूते हुए अरविंद शर्मा को गाड़ी में बैठा लिया और अगवा करते हुए उसकी बेरहमी से हत्या कर दी, साथ ही उसके शव को ग्राम उकसा स्थित चमारी नाले पर फेंक दिया और 17 अप्रैल को उसका शव मिला था।

जानकारी देते शासकीय अधिवक्ता हृदेश पांडेय

शासकीय अधिवक्ता हृदेश कुमार पांडेय ने बताया कि मृतक रिटायर्ड फौजी के पिता ने पुलिस को यह भी बताया था, इस घटना की जानकारी के बारे में उसके छोटे बेटे अजय कुमार शर्मा ने देखकर बताई थी, साथ ही ड्यूटी पर न जाने के कारण टेलीफोन एक्सचेंज से भी इस बारे में सूचना मिली थी, जिस पर पुलिस ने 2 मई 2006 को आईपीसी की धारा 364, 364 ए और 302 में मामला दर्ज करते हुए मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था, साथ ही आरोपियों की गिरफ्तारी करते हुए जेल भेज दिया था।

शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि इस मामले में 1 नवंबर 2006 को शत्रुघ्न और सत्यभान के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल हुए, लगभग 19 साल तक चली सुनवाई के बाद गवाह और साक्ष्य के आधार पर स्पेशल डकैती कोर्ट के न्यायाधीश डॉक्टर अवनीश कुमार द्वितीय ने दोनों सगे भाई शत्रुघ्न और सत्यभान को अपहरण की धारा 364 आईपीसी का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई, साथ ही 50-50 हजार रुपए का आर्थिक दंड लगाया, इतना ही नहीं अर्थ दंड जमाना करने पर तीन-तीन वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

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