यूपी सरकार द्वारा बेसिक शिक्षा विभाग में 8 जुलाई से ऑनलाइन उपस्थिति एवं डिजिटाइजेशन का आदेश जारी किया है, इस आदेश के विरोध में बुधवार शाम को उरई के संयुक्त शिक्षा संघर्ष मोर्चा के बैनर तले जनपद के सभी संगठनों ने सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया साथ ही पैदल मार्च निकालते हुए उरई के कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहां इस ऑनलाइन उपस्थिति के विरोध में महानिदेशक बेसिक शिक्षा के खिलाफ नारेबाजी की, साथ ही जल्द से जल्द इस आदेश को वापस किए जाने की मुख्यमंत्री से मांग की है, सभी शिक्षकों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उरई के सिटी मजिस्ट्रेट अजीत जायसवाल के माध्यम से ज्ञापन भी भेजा।
संयुक्त शिक्षक संघर्ष मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामबालक व्यास पूर्व मंडलीय मंत्री एवं पूर्व जिलाध्यक्ष उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ रामराज द्विवेदी, प्रदेश उपाध्यक्ष माध्यमिक शिक्षा संघ, वीरेंद्र सिंह कुशवाहा, जिलाध्यक्ष राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ प्रदीप सिंह चौहान, प्रदेश कोषाध्यक्ष उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ ठाकुरदास यादव के नेतृत्व में जालौन के नौ विकासखंडों के सैकड़ो शिक्षकों ने ऑनलाइन उपस्थिति के विरोध में सड़क पर उतरकर पैदल मार्च निकालते हुए महानिदेशक बेसिक शिक्षा और यूपी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। शिक्षकों का पैदल मार्च उरई के कलेक्ट्रेट पहुंचा, जहां उन्होंने महानिदेशक बेसिक शिक्षा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, इस दौरान शिक्षकों ने सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन देते हुए कहा कि बेसिक शिक्षकों पर ऑनलाइन उपस्थित जबरन थोपी गई है।
महानिदेशक बेसिक शिक्षा द्वारा अपने आदेश दिनांक 18 जून 2024 को शिक्षकों के प्रति असम्मान की भावना के दृष्टिगत किए गए आदेश को तत्काल निरस्त किया जाए। यदि बेसिक शिक्षा के शिक्षकों पर यह नियम लागू होता है, तो इस नियम को प्रदेश के अन्य विभागों पर भी लागू किया जाए, केवल बेसिक शिक्षकों के प्रति इस तरह की कारवाई किया जाना मान सम्मान के विपरीत एवं उन पर अविश्वास की भावना को प्रदर्शित करना है वही ऑनलाइन उपस्थिति व डिजिटाइजेशन संबंधी आदेश को निरस्त करने के साथ-साथ संयुक्त शिक्षक संघर्ष मोर्चा की वर्षों से चली आ रही 12 सूत्रीय मांगों को पूरा किया जाए।
शिक्षकों ने कहा कि उनकी पुरानी पेंशन बहाल कर जाए, बेसिक शिक्षकों को अनिवार्य रूप से 30 EL, शिक्षकों को अर्द्ध अवकाश की सुविधा, अवकाश के दिनों में कार्य के बदले प्रतिकर अवकाश, राज्य कर्मचारियों की भांति कैशलेस चिकित्सा का लाभ, अनुदेशक व शिक्षक मित्रों को योग्यता अनुसार नियमित किया जाए, जब तक इस प्रक्रिया के समय लगता है, उन्हें एक सम्मानजनक मानदेय दिया जाए, साथ ही मृतक आश्रितों को शिक्षक पर समायोजित और मध्यान भोजन व अन्य गैर क्षेत्र कार्यों से शिक्षकों को मुक्त रखा जाए।
शिक्षकों के प्रदर्शन में उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ की जिलाध्यक्ष सुश्री व्यंजना सिंह, एससी/एसटी बेसिक शिक्षा वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह दोहरे, अटेवा पेंशन बचाओ मंच के जिला संयोजक अजय निरंजन, यूनाइटेड टीचर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अशोक तिवारी, ऑल आरक्षित टीचर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुंदर सिंह शास्त्री, उत्तर प्रदेश शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष इंद्रजीत विश्वकर्मा, उच्च प्राथमिक अनुदेशक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष प्रभाकर द्विवेदी, जिलाध्यक्ष उत्तर प्रदेश, प्राथमिक मृतक आश्रित शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ दीपेंद्र प्रताप सिंह राजावत, शिक्षक नेता सर्वेश शर्मा, पूजा तिवारी, नीतू निरंजन, ममता स्वर्णकार, संजय सिंघाल, अभिषेक गुप्ता सहित सैकड़ो शिक्षक इस प्रदर्शन में मौजूद रहे।




