जालौन में किसानों और युवाओं को उन्नत कृषि तकनीक से जोड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की गई। कृषि विज्ञान केंद्र में “पर ड्रॉप मोर क्रॉप” माइक्रोइरीगेशन योजना के तहत चार दिवसीय रोजगार प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
प्रशिक्षण में 50 युवाओं ने भाग लिया। इनमें से 17 युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिले। कार्यक्रम में युवाओं को माइक्रोइरीगेशन सिस्टम के संचालन और रखरखाव की तकनीकी जानकारी दी गई।
विशेषज्ञों ने टपक सिंचाई और स्प्रिंकलर सिस्टम पर विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि इस तकनीक से पानी की बचत होती है। इससे फसलों की उत्पादकता बढ़ती है और किसानों की आय में वृद्धि होती है।
प्रशिक्षण में सफल होने वाले सभी 50 युवाओं को जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय ने प्रमाण पत्र दिए गए। इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र में युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना और जल संरक्षण को बढ़ावा देना था।
इस दौरान युवाओं ने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण से कृषि क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर मिलते हैं। साथ ही जल संरक्षण और फसल उत्पादकता को भी बढ़ावा मिलता है।
कार्यक्रम में डीएचओ प्रशांत निरंजन, वैज्ञानिक, प्रशिक्षक और कई किसान मौजूद रहे। विशेषज्ञों ने भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने की उम्मीद जताई।