वर्तमान में साइबर ठग लोगों को अपने झांसे में लेकर भोले भाले लोगों से लाखों रुपए की ठगी कर लेते हैं, इस ठगी से बचाव के लिए जालौन के जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय की अध्यक्षता और पुलिस अधीक्षक डॉक्टर दुर्गेश कुमार की मौजूदगी में उरई के विकास भवन स्थित रानी लक्ष्मीबाई सभागार में साइबर एक्सपर्ट और बैंक कर्मियों द्वारा ग्राम प्रधानों, बैंक सखी, क्षेत्र पंचायत सदस्य और संबंधित अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया, जिससे वह ग्रामीणों बुजुर्ग लोगों को जागरुक कर सके और साइबर ठगों से उन्हें सुरक्षित रख सकें। इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि फर्जी कॉल से सावधान रहें और जल्द ही किसी के झांसे में भी न

आए।
विकास भवन के रानी लक्ष्मीबाई सभागार में आयोजित इस कार्यशाला में जनपद स्तरीय उपस्थित अधिकारियों और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम जनपद के 574 ग्राम पंचायत के प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य तथा बैंक सखियों को साइबर एक्सपर्ट द्वारा बारीकी से प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण देते हुए साइबर एक्सपर्ट क्षेत्रीय प्रबंधक अभय शुक्ला, डिजिटल ईको सिस्टम शरद गुप्ता डिजिटल गवर्मेंट बैंकिंग इको सिस्टम सुरीत चौधरी और आई सी आई सी आई बैंक उरई के शाखा प्रबंधक सचिन रघुवंशी ने ग्राम प्रधानों को फर्जी क्रेडिट मैसेज फ्रॉड, फेसबुक सोशल मीडिया पर अनजान दोस्ती, फर्जी लोन एप, टेलीग्राम चैनल, वर्क फ्रॉम होम फ्रॉड, गूगल पर पड़े फर्जी हेल्पलाइन नंबर, गूगल सर्च इंजन पर फर्जी वेबसाइट, न्यूड वीडियो कॉल, फ्रॉड फर्जी फोन कॉल, फ्रॉड ऑनलाइन खरीदारी, ऑनलाइन बिक्री, साइबर अपराध का नया ट्रेंड डिजिटल अरेस्ट, फेक नोटिस, जीवनसाथी डेटिंग एप से फ्रॉड, फर्जी फेसबुक सोशल मीडिया अकाउंट बनाकर चार्जिंग केबल के, वाई-फाई से डाटा चोरी, एसएमएस फॉरवर्ड सहित साइबर अपराध से जुड़े हुए 22 अपराधों के बारे में विस्तार से जानकारी दी, साथ ही उन्हें ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए, इसके बारे में भी अवगत कराया गया।
प्रशिक्षण के दौरान जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय ने बताया कि वर्तमान में साइबर ठग विभिन्न तरीकों से भोले भाले लोगों को अपने जाल में फंसा लेते हैं, जिस कारण उनका आर्थिक और सामाजिक नुकसान होता है, इसीलिए प्रशिक्षण दिया गया है, जिससे ग्राम प्रधान, बैंक सखी, क्षेत्र पंचायत सदस्य और अधिकारी लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक कर सकें और उन्हें इस फर्जी बाड़े से बचाए जा सके।
वहीं पुलिस अधीक्षक ने कहा कि यदि किसी भी तरह से फ्रॉड हो जाता है या उन्हें डिजिटल अरेस्ट किया जाता है, तो इसके बारे में तत्काल सूचना दें, जनपद में साइबर अपराधों से जुड़ी एक सेल बनी हुई है, जो लगातार इस पर काम कर रही है, ऐसी कोई भी शिकायत मिलने पर वह तत्काल पुलिस को सूचित कर सकते हैं, अभी तक जिन लोगों के साथ फर्जी बड़ा हुआ है उनके पैसे भी वापस कराए गए हैं।