जालौन में गुरुवार को उरई विकास प्राधिकरण के सभागार में जिलाधिकारी/उरई विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष राजेश कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में मानचित्र समाधान दिवस का आयोजन किया गया, जिसमें उरई विकास प्राधिकरण के विस्तार और जालौन को उसमे जोड़ने की चर्चा हुई, साथ ही अवैध तरीके से जिन्होंने कॉलोनी बना ली है, उन पर कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए।
मानचित्र समाधान दिवस पर आयोजित बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारी शामिल हुए, जिन्हें निर्देश देते हुए जिलाधिकारी राजेश कुमार ने कहा कि मानचित्र स्वीकृति से पूर्व लोक निर्माण विभाग, नगर पालिका, तहसील सदर, अग्नि शमन विभाग, प्रदूषण विभाग और सिंचाई विभाग से अनापत्ति प्राप्त अवश्य करें, इस प्रक्रिया में आवेदकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, जिससे मानचित्र आवेदन में देरी होती है। जिलाधिकारी ने आवेदकों को निर्देश देते हुए कहा कि वह अपने मानचित्र पत्रावली और भू-स्वामित्व के अभिलेख के साथ तीन प्रतियों में इसे प्राधिकरण कार्यालय में जमा करें। इसके बाद प्राधिकरण द्वारा ऑन-लाइन, ई-ऑफिस के माध्यम से विभिन्न विभागों को अनापत्ति प्राप्ति के लिए 15 दिन का समय दिया जाएगा। यदि किसी विभाग से निर्धारित समय में उत्तर नहीं मिलता, तो उसे अनापत्ति मानते हुए मानचित्र का निस्तारण किया जाएगा।
जिलाधिकारी ने उरई विकास क्षेत्र के तहत महायोजना 2031 के प्रावधानों को लेकर सख्त चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश नगर योजना और विकास अधिनियम 1973 के तहत किसी भी प्रकार के निर्माण या विकास कार्य से पहले प्राधिकरण से नियमानुसार मानचित्र स्वीकृत कराना अनिवार्य है। इसके बावजूद, कुछ व्यक्तियों द्वारा बिना प्राधिकरण से मानचित्र स्वीकृत कराए अवैध रूप से प्लाटिंग कर कॉलोनियां बनाई जा रही हैं, जो महायोजना के मानकों का उल्लंघन करती हैं। इनमें आवश्यक सड़कों की चौड़ाई, पार्क, आंतरिक विकास कार्यों जैसे सड़क, नाली, बिजली, सीवर आदि का भी प्रावधान नहीं किया जा रहा है। ऐसे अवैध रूप से विकसित कॉलोनियों में भवन मानचित्र स्वीकृत नहीं किए जा सकते, और इन कॉलोनियों के खिलाफ प्राधिकरण द्वारा कानूनी कार्यवाही की जाएगी। साथ ही, अवैध कॉलोनियों को दो सप्ताह के भीतर अभियान चलाकर ध्वस्त किया जाएगा।
उरई विकास प्राधिकरण क्षेत्र के विस्तार को लेकर जिलाधिकारी ने जालौन तहसील को उरई-जालौन विकास प्राधिकरण में शामिल करने की योजना बनाई है। इसके लिए आगामी बोर्ड बैठक में प्रस्ताव रखा जाएगा।
इस कार्य को तेजी से पूरा करने के लिए प्राधिकरण के सचिव/नगर मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जिसमें तहसीलदार सदर और तहसीलदार जालौन शामिल होंगे। यह समिति उरई और जालौन शहर के सुनियोजित विकास के लिए प्रस्ताव तैयार करेगी।
इसके साथ ही, जन-सामान्य की आवासीय जरूरतों को पूरा करने के लिए चुर्खी रोड, जालौन रोड, और कोंच रोड पर न्यूनतम 100 एकड़ भूमि पर आधुनिक टाउनशिप विकसित करने का प्रस्ताव किया गया। इसके लिए किसानों से आपसी सहमति पर भूमि क्रय की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस कार्य के लिए अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जो भूमि की उपलब्धता और उपयुक्तता का निरीक्षण करेगी।जिलाधिकारी ने उरई महायोजना-2031 के संबंध में जन-सामान्य को जागरूक करने के लिए विभिन्न स्थानों जैसे उप निबंधन कार्यालय, जनपद न्यायालय, जिलाधिकारी कार्यालय और तहसील कार्यालय उरई पर बोर्ड लगाए जाने का निर्देश दिया। इसके अलावा, महायोजना में दर्शित ग्रीन बेल्ट और पार्क की भूमि पर भी बोर्ड लगाए जाएंगे, ताकि इन क्षेत्रों में क्रय-विक्रय पर रोक लगाई जा सके। मानचित्र समाधान दिवस के दौरान कुल तीन प्रकरण प्राप्त हुए, जिनका तत्काल निस्तारण किया गया।
इस अवसर पर नगर मजिस्ट्रेट राजेश कुमार वर्मा, वरिष्ठ कोषाधिकारी आनंद सिंह, तहसीलदार शेर बहादुर, सहायक अभियंता केके शुक्ला, सहायक अभियंता सुधीर कुमार आदि सहित सम्बंधित अधिकारी मौजूद रहे।