जालौन में खाद के बाद यूरिया की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है, सरकारी केंद्रों पर समय से यूरिया न पहुंचे के कारण प्राइवेट संचालक इसका फायदा उठा रहे हैं। जिलाधिकारी और कृषि विभाग के सख्त रुख के बाबजूद किसानों को प्राइवेट संचालक ओवर रेट (मंहगे दामों) में किसानों को यूरिया उपलब्ध करा रहे हैं, इतना ही नहीं जिले में इसकी सप्लाई करने वाले होलसेल इंचार्ज दीपक गहोई और अनूप दुकानदारों को महंगे दामों में यूरिया भेज कर अपना मोटा मुनाफा कमाने में लगे हुए हैं, जिससे किसानों को मजबूरी में भारी कीमत चुका कर यूरिया लेनी पड़ रही है। इसकी शिकायत आने के बाबजूद अभी तक प्रशासन द्वारा पूरे जिले में ओवर रेट दामों में सप्लाई करने वाले होलसेल संचालक दीपक गहोई और अनूप के खिलाफ किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
बता दें कि बीते दिनों जिले में किसानों द्वारा खाद की मांग अधिक करने के कारण जनपद में नकली खाद बनाने वाले सक्रिय हो गए थे, लेकिन प्रशासन ने नकली खाद बनाने वालों पर बड़ी कार्रवाई की थी और कई लोगों को गिरफ्तार किया था। वहीं खाद के बाद जनपद में डिमांड बढ़ गई, वही समय से यूरिया की सप्लाई सरकारी केंद्रों पर नहीं पहुंचने के कारण इसको जिले के प्राइवेट दुकानों पर भेजने वाले होलसेल संचालक किसानों को यूरिया महंगे दामों पर उपलब्ध करा रहे हैं, पूरे जिले में यूरिया का वितरण कराने वाले दीपक गहोई और अनूप द्वारा अपने अपने गोदामों से खाद भंडारों पर महंगे दामों में यूरिया सप्लाई कर रहे हैं जिस कारण दुकानदार किसानों से ओवर रेट महंगे दाम लेकर किसानों को यूरिया बांट रहे हैं, किसानों ने इसका कई बार विरोध किया, मगर इसके बावजूद भी अभी तक किसी प्रकार की कोई कार्रवाई जिला प्रशासन की तरफ से पूरे जिले में सप्लाई करने वाले दीपक गहोई और अनूप के खिलाफ नहीं की गई, जिस कारण मजबूरी में किसानों को पानी लगाने के दौरान ओवर रेट दामों पर यूरिया खरीदनी पड़ रही है।
इस मामले में जब VOICEOFHIND.COM ने किसान बनकर इसकी पड़ताल की और कोंच नगर में यूरिया वितरण करने वाले प्राईवेट संचालक भगत सिंह कुशवाहा खाद भंडार पर जाकर यूरिया के दाम पूछे तो इसके संचालक द्वारा यूरिया के दाम 270 रुपए प्रति बोरी की जगह 340 रुपए प्रति बोरी बताया गया। जब उनसे महंगे दाम के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि इसकी जिले में सप्लाई करने वाले दीपक गहोई और अनूप द्वारा उन्हें महंगे दामों में यूरिया की बोरी दी जा रही है उन्होंने बताया कि जब सीजन ऑफ होता है तो वह 270 रुपए में ही यूरिया उपलब्ध कराते हैं, मगर सीजन पर इसकी महंगी बिक्री होती है। जब प्राइवेट दुकान का संचालन करने वाली भगत सिंह कुशवाहा से पूछा कि इसकी शिकायत अधिकारियों से क्यों नहीं कर रहे, तो उन्होंने कहा कि यदि वह अधिकारियों से शिकायत करेंगे तो उन्हें पूरे जिले में सप्लाई करने वाले दीपक गहोई और अनूप द्वारा यूरिया देना बंद कर दिया जाएगा और वह दूसरी जगह सप्लाई कर देंगे, उन्होंने कहा कि उन्हें दीपक गहोई और अनूप द्वारा 300 की एक बोरी दी जा रही है, इस कारण नैनो यूरिया के सहित किसान यूरिया की बोरी लेगा तो उसे बोरी 310 रुपए में और बिना नैनों यूरिया के किसान यूरिया लेता है तो उसे 340 रुपए एक बोरी के दाम देना पड़ रहा है।
वहीं जिले में प्राइवेट खाद्य संचालकों द्वारा महंगे दामों में यूरिया दिए जाने की शिकायतें अधिकारियों के पास पहुंची है, मगर अभी तक किसी प्रकार की कोई कार्रवाई महंगे दामों में सप्लाई करने वाले होलसेल संचालक के खिलाफ नहीं की गई है।