जालौन में 14 साल पहले पुलिस टीम पर जान से मारने की नियत से फायरिंग करने वाले शातिर बदमाश को सोमवार को न्यायालय एडीजी प्रथम कोर्ट के न्यायाधीश ने साक्ष्य और गवाहों के आधार पर दोषी मानते हुए 7 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है साथ ही 11 हजार रुपए का आर्थिक दंड लगाया है, साथ ही सजा सुनाई जाने के बाद दोषी के खिलाफ न्यायालय ने वारंट जारी करते हुए जेल भेज दिया।
इस मामले की पैरवी करने वाले शासकीय अधिवक्ता मोतीलाल पाल ने बताया कि उरई कोतवाली क्षेत्र में 14 साल पहले 2010 में एसओजी प्रभारी उप निरीक्षक स्वतंत्र कुमार सिंह और उनकी टीम को सूचना मिली थी कि हमीरपुर जनपद के चिकासी थाना क्षेत्र के ग्राम बिरहर के रहने वाले जगभान उर्फ जगमोहन पुत्र सनसेरदीन क्षेत्र में किसी वारदात की फिराक में घूम रहा है इस सूचना पर एसओजी प्रभारी और उनकी टीम ने उरई कोतवाली क्षेत्र में चेकिंग अभियान चलाया इस दौरान जगभान उर्फ जगमोहन ने एसओजी प्रभारी पर जान से मारने की नीयत से फायरिंग कर दी थी, जिसमें वह बाल बाल बच गए थे, इस दौरान पुलिस ने घेराबंदी करते हुए फायरिंग करने जगभान को गिरफ्तार कर लिया था, साथ ही उसके पास से तमंचा भी बरामद किया था, जिसके खिलाफ विवेचना करते हुए न्यायालय में आरोप पत्र भी दाखिल किए गए थे
14 साल तक चली सुनवाई के बाद अभियोजन पक्ष तथा अभियुक्त की तरफ से अधिवक्ताओं द्वारा बहस की गई, जिसमें प्रभावी पैरवी होने पर सोमवार को न्यायालय एडीजे प्रथम कोर्ट के न्यायाधीश शिव कुमार द्वारा साक्ष्य और गवाहों के आधार पर जगभान उर्फ जगमोहन को दोषी पाया गया, न्यायाधीश ने दोषी को 7 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई, साथ ही 11 हजार रुपए का आर्थिक दंड लगाया है।