समाजवादी पार्टी ने आदर्श आचार संहिता लागू होते ही अपनी चौथी लिस्ट जारी कर दी है, जिसमें 6 प्रत्याशियों के नाम शामिल हैं। इस सूची में जालौन-गरौठा-भोगनीपुर सुरक्षित संसदीय सीट से बसपा से आये पूर्व दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री नारायण दास अहिरवार को प्रत्याशी बनाकर बड़ा दाव खेला है।
सपा प्रत्याशी नारायण दास अहिरवार के राजनैतिक कैरियर की बात की जाए तो नारायण दास अहिरवार 1982 में बीएस-4 बनने के बाद सक्रिय राजनीति में आए थे, वह दलितों के नेता बसपा संस्थापक कांशीराम से प्रभावित होकर शामिल हुए थे। जब 1984 में बहुजन समाज पार्टी की नींव रखी गई, तब उन्हें संस्थापक सदस्य बनाया गया, जिसके बाद से वह लगातार बसपा में सक्रिय रहे, इसके बाद उन्होंने बसपा को मजबूत बनाने के लिए लगातार जुटे रहे, सन 1992 में उन्हें पहली बार उरई विधानसभा का अध्यक्ष बनाया गया वह 2000 तक इस पद पर रहे, 2002 उन्हें बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष बहन मायावती ने उनके काम को देखते हुए जिलाध्यक्ष की कमान दी, जिसे उन्होंने बखूबी संभाला और 2002 में सरकार बनाने में बड़ी भूमिका निभाई, इसके बाद 2005 में उन्हें जिलाध्यक्ष पद की जगह कोंच विधानसभा का प्रभारी नियुक्त किया गया, 2007 में जब बहुजन समाज पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार आई, तब नारायण दास अहिरवार को मुख्यमंत्री मायावती ने जल निगम बोर्ड का अध्यक्ष बनाया। 2011 तक दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री के तौर पर इस पद को संभालते रहे, इस बीच उन्हें बुंदेलखंड मंडल का जोनल कोऑर्डिनेटर बनाया गया।
बाद में कानपुर मंडल, बनारस मंडल, देवीपाटनपुर मंडल, आजमगढ़, बनारस, गोरखपुर मंडल, बस्ती मंडल, फैजाबाद मंडल के जोनल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी दी गई। 2013 में बसपा सुप्रीमो मायावती ने उन्हें उत्तराखंड की जिम्मेदारी देते हुए अल्मोड़ा विधानसभा क्षेत्र का प्रभारी बनाया, यह प्रभार 2014 तक संभाले रहे।मगर 2014 में बसपा की गलत नीतियों के कारण उनका बसपा सुप्रीमों से मन मोटा होने के बाद उन्होंने बसपा छोड़ने का मन बनाते हुए मुटाव होने के कारण उन्होंने अंदरुनी रूप से समाजवादी पार्टी के प्रति अपना जुड़ाव कर लिया और लगातार आंतरिक रूप से समाजवादी पार्टी को मजबूत करने में जुटे रहे। 2022 में यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए और आज उन्हें जालौन-गरौठा-भोगनीपुर लोकसभा सुरक्षित सीट से प्रत्याशी बनाकर पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी दी है।
नारायण दास अहिरवार शुरुआत से ही दलित समाज में अपनी पकड़ बनाए हुए हैं, इसीलिए समाजवादी पार्टी ने उन पर बड़ा दाव चला है, जिससे बसपा का भी वोट समाजवादी पार्टी मिल सके और इस बार जालौन-गरौठा-भोगनीपुर सीट पर जीत हासिल कर सके।