यूपी की योगी सरकार भ्रष्टाचारियों के खिलाफ लगातार जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाए हुए हैं, इसी के तहत जालौन के माधौगढ़ विकासखंड के ग्राम अहेता में विकास कार्यों में की गई अनियमितता और भ्रष्टाचार के मामले में की गई शिकायत पर मंडलायुक्त झांसी द्वारा कराई गई टीएसी जांच में अनियमित और भ्रष्टाचार पाया गया, जिस पर झांसी मंडल के कमिश्नर ने अहेता ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सचिव एवं तकनीकी सहायक से 69616 रुपए की वसूली के आदेश दिए गए, साथ ही सभी के खिलाफ आरसी भी काटी गई, इसकी जानकारी जालौन की जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय ने दी।
जालौन के जिलाधिकारी को ग्राम पंचायत अहेता में विकास कार्यों में की जा रही अनियमतिता और भ्रष्टाचार की शिकायत माधौगढ़ विकासखंड के ग्राम अहेता के रहने वाले ग्रामीण रमेश चंद्र पुत्र मनफुले ने की थी, जिसमें उन्होंने ग्राम प्रधान और सचिव पर मिली भगत का आरोप लगाते हुए विकास कार्यों में की जा रही अनियमितता और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था, साथी कहा था कि गांव में जितने भी कम हुए हैं वह फर्जी तरीके से किए जा रहे हैं और उसका रुपए गवां कर लिया गया है, जिस पर मंडलीय प्राविधिक परीक्षक टीएसी ग्राम विकास झांसी मंडल से तकनीकी स्तरीय जांच कराई गई, जिस पर मंडलीय प्रावधिक परीक्षक टीएसी ग्राम विकास झांसी द्वारा 24 जून को ग्राम पंचायत अहेता जाकर शिकायती बिंदुओं की स्थलीय अभिलेखीय तकनीकी जांच की, जिसकी जांच आख्या टीम ने 4 जुलाई को कमिश्नर झांसी विमल कुमार दुबे को प्रस्तुत की।
जांच आख्या में गूल खुदाई, सोकपिट निर्माण न किए जाने, इंटरलॉकिंग निर्माण कार्य में पाई गई कमियों का जिम्मेदार ग्राम प्रधान अहेता, ग्राम पंचायत सचिव एवं तकनीकी सहायक को माना गया, जिस पर मंडलायुक्त द्वारा सभी पर 69,616 रुपए, जिसमें प्रधान अहेता पर 18031, ग्राम पंचायत सचिव पर 28947 और तकनीकी सहायक पर 22638 रुपए की वसूली की आरसी जारी की है।
जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय ने अवगत कराते हुए बताया कि सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाए हुए हैं, जो भी कामों में अनियमितता बरतता है या भ्रष्टाचार करता है, उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है। उन्होंने बताया कि 69616 रुपए की सभी के खिलाफ आरसी काटी गई है और इन सभी से मुख्य विकास अधिकारी द्वारा वसूली की जाएगी।