जालौन में 3 साल पहले पुरानी रंजिश में दो लोगों को जान से मारने की नीयत से ग्रामीण ने गोली मार दी थी। इस मामले में बुधवार को बहस पूरी होने के बाद जालौन के अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम शिवकुमार ने गोली मारने वाले को साक्ष्य और गवाहों के आधार पर दोषी पाते हुए 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई, साथ ही 27 हजार रुपए का आर्थिक दंड भी लगाया है, सजा सुनाई जाने के बाद वारंट जारी होने पर पुलिस ने हिरासत में लेते हुए अभियुक्त को जिला कारागार उरई भेज दिया।
इस मामले की पैरवी करने वाले शासकीय अधिवक्ता मोतीलाल पाल ने बताया कि 19 सितंबर 2021 को रेंडर थाना क्षेत्र के ग्राम सुलखान के रहने वाले धर्मेंद्र सिंह पुत्र स्वर्गीय नारायण सिंह ने पुलिस को सूचना दी थी, कि शाम 4:30 बजे उसका भाई बृजेंद्र सिंह पुत्र स्वर्गीय नारायण सिंह व गांव का ही रहने वाला उसका मित्र इश्तियाक पुत्र अहमद खान, सुलखान गांव में विक्रम वर्मा की दुकान पर घरेलू सामान लेने गया था, जहां से वह वापस आ रहा था, तभी पहले से ही घात लगाए बैठे गांव के रहने वाले इंद्रजीत सिंह पुत्र करण सिंह व अन्य लोगों ने अपने-अपने हाथों में तमंचा असलहा लेकर उसके भाई बृजेंद्र सिंह को जान से मारने की नीयत से गोली मार दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल होकर मरणासन्न अवस्था में जमीन पर गिर पड़ा, इस दौरान उसके साथी इश्तियाक ने बृजेंद्र को बचाना चाहा, तो इंद्रजीत सिंह ने नरेंद्र के कहने पर इश्तियाक के ऊपर भी जान से मारने की नीयत से गोली मार दी, जिससे वह खून से लथपथ हो गया था, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
इस मामले में पुलिस ने गोली मारने वाले इंद्रजीत पुत्र करण सिंह तथा चार अन्य लोगों के खिलाफ जानलेवा हमले की धारा में मुकदमा पंजीकृत करते हुए कार्रवाई शुरू कर दी थी, जिसमें जांच के दौरान चार अभियुक्त की नामजदगी गलत पाते हुए पुलिस ने सिर्फ एक अभियुक्त इंद्रजीत सिंह के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया।
जिसका ट्रायल न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम शिवकुमार की अदालत में चला, 3 साल तक इस मामले की सुनवाई हुई, इस दौरान दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं द्वारा बहस की गई, जिसमें अभियोजन पक्ष की तरह शासकीय अधिवक्ता मोतीलाल पाल द्वारा बहस के दौरान बताया गया कि घायल बृजेंद्र सिंह को अभियुक्त इंद्रजीत सिंह के भाई रणवीर सिंह की हत्या में अभियुक्त बनाया गया था, उसी की रंजिश में यह घटना इंद्रजीत द्वारा वादी धर्मेंद्र के भाई बृजेंद्र सिंह व इश्तियाक के साथ गोली मारकर की गई।
इस मामले में बुधवार को सुनवाई पूरी होने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश (प्रथम) शिवकुमार द्वारा आईपीसी की धारा 307, 504, 506, 3/25 के तहत इंद्रजीत सिंह को साक्ष्य और गवाहों के तहत दोषी पाया गया, जिसमें धारा 307 में 10 वर्ष का सश्रम कारावास, 20 हजार का आर्थिक दंड, 504 आईपीसी में एक वर्ष का सश्रम कारावास, 2 हजार रुपए का अर्थदंड, धारा 506 में 1 वर्ष का कारावास 2 हजार रुपए जुर्माना, 3/25 आर्म्स एक्ट में 3 वर्ष का सश्रम कारावास और 3 हजार रुपए का जुर्माना लगाया, सभी सजा एक साथ चलेगी, वही कुल 27 हजार रुपए का आर्थिक दंड लगाया गया। न्यायाधीश द्वारा वारंट जारी किया गया, जिसकी बाद पुलिस ने अभियुक्त को हिरासत में लेकर जिला कारागार उरई भेज दिया है।