जालौन में यमुना और बेतवा नदी का जलस्तर तेजी से घटने लगा है। बीते 24 घंटे में यमुना नदी 6 सेंटीमीटर प्रति घंटे और बेतवा नदी का जलस्तर सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से घट रहा है। जलस्तर में कमी आने से प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है, लेकिन इसके बावजूद भी प्रशासन लगातार निगरानी बनाए हुए है, जिससे आपदा की स्थिति में उससे निपटा जा सके।
बता दे कि यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से 4 मीटर नीचे और बेतवा खतरे के निशान से 11 मीटर नीचे बह रही है। बीते सप्ताह ललितपुर के माता टीला बांध और राजघाट से बेतवा नदी में छोड़े गए 5 लाख क्यूसेक पानी के बाद बेतवा नदी के जल स्तर में वृद्धि हो गई थी, बेतवा नदी अपने खतरे के निशान से महज 1 मीटर नीचे बह रही थी, संभावित बाढ़ की स्थिति को देखते हुए प्रशासन सतर्क हो गया था, जिस पर जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय ने पुलिस अधीक्षक डॉक्टर दुर्गेश कुमार, अपर जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह और तहसील के अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर बेतवा नदी किनारे बसे मोहना ग्राम जाकर संभावित बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया था, लेकिन अब बेतवा नदी के जलस्तर में तेजी से कमी आ रही है।
बीते 24 घंटे में बेतवा नदी के जलस्तर में 4 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से कमी देखी जा रही है, जिसके बाद बेतवा नदी का जलस्तर अपने खतरे के निशान 122 मीटर से 11 मीटर नीचे आ चुकी है, बेतवा नदी का जलस्तर 111 मीटर पर आ चुका है।
वही राजस्थान के कोटा बैराज से चंबल में छोड़े गए पानी के बाद से यमुना के जलस्तर में मंगलवार और बुधवार को बढ़ोतरी हुई थी, यमुना नदी बुधवार को 5 मीटर बढ़कर 105 मीटर को पार कर गई थी, जो खतरे के निशान 108 मीटर के करीब पहुंच रही थी, लेकिन गुरुवार सुबह से यमुना की जलस्तर में कमी आनी शुरू हो गई यमुना का जलस्तर 6 सीजन 3 घंटे की रफ्तार से घट रहा है इसके बाद बीते 24 घंटे में यमुना नदी एक मीटर नीचे आ चुकी है, जो अब 104 मीटर पर बह रही है।
यमुना और बेतवा नदियों के जलस्तर में तेजी से हो रही कमी के बाद जिला प्रशासन ने राहत की सांस ली है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी लगातार निगरानी बनाए हुए हैं, जिससे संभावित बाढ़ क्षेत्र के इलाकों के लोगों स्थिति खराब होने पर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा सके।
बता दे कि नदियों के जलस्तर में आई तेजी के बाद से आसपास के किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ था, प्रशासन भी इसकी मॉनिटरिंग कर रहा है, जिससे जिन किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है, उन्हें देवी आपदा के तहत राहत उपलब्ध कराई जा सके।