उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में 14 सितम्बर को राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित की जायेगी, इसको लेकर जनपद न्यायाधीश अचल सचदेव की अध्यक्षता में जिला अग्रणी बैंक प्रबन्धक एवं जिले के समस्त बैंकों के अधिकारियों के साथ समन्वय बैठक जिला दीवानी न्यायालय परिसर में हुई।
जिसमें सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण/अपर जिला जज राजीव सरन ने सभी बैंक के प्रबंधकों से कहा कि बकाया ऋण के ऐसे मामले जिनमें सुलह-समझौते की सम्भावना हो किन्तु वह पूर्व की लोक अदालतों में नियत न किए गए हो, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत में चिन्हित कर लिया जाए, साथ ही चिन्हित मामलों की सूची और उनके दावे या वाद पत्र तत्काल तैयार कराकर अतिशीघ्र अग्रिम कार्यवाही हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय में दाखिल किए जाए।
सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने बैंक प्रबंधकों को यह भी हिदायत दी कि मात्र संख्या बढ़ाने के उद्देश्य से प्रकरणों की सूची न तैयार की जाए, बल्कि इस बात पर जोर दिया जाए कि किस प्रकार से अधिक से अधिक ऋणी उपभोक्ताओं को लोक अदालत के मंच का लाभ मिल सके, इसके लिए बैंक प्रबंधकों को चाहिए कि वह अपने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ यथा-आवश्यक वार्ता एवं इस सम्बन्ध समुचित कार्यवाही करके यह सुनिश्चित कर ले कि एनपीए की संख्या में कैसे कमी लाई जा सकती है।
उन्होंने कहा कि सभी बैंक अधिकारी ऋणी उपभोक्ताओं को ब्याज में अधिक से अधिक छूट देने के लिए आवश्यक तैयारी पहले से कर ले, साथ ही विगत लोक अदालतों में कई बकायेदार रकम जमा करने को तैयार दिखायी दिये थे लेकिन बैंकर्स ने उन्हें अपेक्षित सहयोग नहीं दिया। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति इस बार नहीं होनी चाहिये।
बैंकों के अधिकारियों को अवगत कराया गया कि इस लोक अदालत हेतु बैंकों के बकाया ऋण, एनपीए से सम्बन्धित मामले प्री-लिटिगेशन केस के रूप में चिन्हित किये जा रहे हैं, जिनमें कम से कम दो बार नोटिस भेजे जाये तथा नोटिसों के प्रेशण के साथ राश्ट्रीय लोकअदालत के प्रचार-प्रसार हेतु पैम्फलेट्स का भी वितरण किया जाये।