लगभग 14 साल पहले जालौन के सिरसा कलार थाना क्षेत्र में एक पति ने अपनी पत्नी की ससुराल पहुंचकर कुल्हाड़ी से काटकर बेरहमी से हत्या कर दी थी, इस मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय के जिला जज ने साक्ष्य और गवाहों के आधार पर पति को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई, साथ ही एक लाख रुपए का आर्थिक दंड भी लगाया है।
हत्या की वारदात 30 नवंबर 2010 की थी, जब सिरसा कलार थाना में ग्राम गढ़गुवां के रहने वाले कुंवर सिंह तोमर पुत्र स्वर्गीय सरनाम सिंह तोमर का दामाद राघवेंद्र सिंह उर्फ पूती पुत्र स्वर्गीय दृगविजय सिंह राजावत निवासी हीरापुर थाना लहार जिला भिंड मध्य प्रदेश अपनी ससुराल आया था, 29/30 नवंबर की रात्रि 11 बजे दामाद और पुत्री रीना देवी के मध्य आपस में विवाद हो गया था, लेकिन इस विवाद को ससुराल के लोगों nd आपस में बैठकर सुलझा लिया गया। रात्रि के वक्त राघवेंद्र अपनी पत्नी रीना और 10 साल के बेटे शिवम के साथ एक कमरे में जाकर सो गए, तभी रात्रि में अचानक 3:30 बजे लड़की रीना व नाती शिवम की जोर-जोर से चीखने की आवाज आई तो सभी लोग जागे और कमरे में जाकर देखा तो उसका दामाद राघवेंद्र हाथों में कुल्हाड़ी लेकर बेटी रीना पर ताबड़तोड़ हमला कर रहा था, रीना चारपाई पर खून से लथपथ पड़ी हुई थी, जब राघवेंद्र को ससुराल के लोगों ने पकड़ने का प्रयास किया तो वह कुल्हाड़ी लेकर मौके से भाग गया।
इस घटना की शिकायत राघवेंद्र के ससुर कुंवर सिंह तोमर पुत्र स्वर्गीय सरनाम सिंह तोमर निवासी ग्राम गढ़गुवां ने थाना सिरसा कलार पुलिस को दी थी, सूचना पर पुलिस ने मामले की जांच करने के बाद शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था, साथ ही राघवेंद्र के खिलाफ हत्या का मुकदमा पंजीकृत कर लिया।
इस मामले की पैरवी करने वाले जिला शासकीय अधिवक्ता लखन लाल निरंजन ने बताया कि हत्या करने वाले की पुलिस ने तलाश की, मगर उसका कहीं पता नहीं लगा, कई बार उसके घर पर नोटिस भी चस्पा किया गया, लेकिन 2019 में उसके द्वारा कोर्ट में सरेंडर किया गया।
जिसके बाद ट्रायल शुरू हो सका, पहले यह ट्रायल मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में चल रहा था, बाद में इसे जिला एवं सत्र न्यायालय के जिला जज लल्लू सिंह की अदालत में ट्रांसफर किया गया, जहां इस मामले में साक्ष्य और गवाहों के आधार पर मंगलवार को फैसला सुनाया गया। जिला जज लल्लू सिंह ने इस मामले में राघवेंद्र को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई, साथ ही एक लाख रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया है। राघवेंद्र 2019 से जेल में बंद है।