जालौन में लगातार हुई मूसलाधार बारिश का असर अब धीरे-धीरे इलाके में दिखाई देने लगा है। कोंच नगर में मलंगा नाले के उफान पर आ जाने से उरई रोड़ स्थित सिविल जज जूनियर डिवीजन न्यायालय परिसर में जल भराव हो गया है, जिस कारण अधिवक्ता और वादकारियों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। परिसर में जल भराव हो जाने के कारण न्यायालय के कामों में बाधा उत्पन्न हो रही है। इतना ही नहीं अदालत का कामकाज भी पूरी तरह से प्रभावित हो गया है।
बता दे कि मंगलवार रात को हुई मूसलाधार बारिश के कारण ऊपर से पानी आने से कोंच नगर का मलंगा नाला उफान पर है, जिस कारण नाले के पास बने सिविल जज जूनियर डिवीजन न्यायालय में पानी भर गया है, साथ ही न्यायालय कक्ष में भी सीवर का पानी आना शुरू हो गया है, जिससे न्यायालय का कामकाज पूरी तरह से बाधित हो गया है। वहीं न्यायालय परिसर में जल भराव हो जाने से मोटर पंप के माध्यम से पानी को निकाला जा रहा है, लेकिन इसके बावजूद भी न्यायालय की स्थिति खराब है। जिस कारण न्यायालय में अधिवक्ताओं और वादकारियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। अधिवक्ता और वादकारी को परिसर में भरे पानी से गुजरना पड़ रहा है, जिसको लेकर अधिवक्ताओं में आक्रोश है।
कोंच बार संघ के अध्यक्ष राजेंद्र निरंजन ने बताया कि बीते कई वर्षों से मुंसिफ कोर्ट में जल भराव की समस्या है, जिसका मुख्य कारण पानी की निकासी न होना है कई बार उच्च न्यायालय और जिला जज को इस बारे में अवगत कराया गया है, लेकिन इस समस्या का अभी तक समाधान नहीं हुआ है, जिससे बारिश हो जाने पर जल भराव मुंसिफ परिसर में हो जाता है।
वही अधिवक्ता अमरबाबू पाठक ने बताया कि उच्च न्यायालय को इस समस्या के बारे में अवगत कराया गया है पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है, जिस कारण लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है अधिवक्ताओं के साथ-साथ वादकारी को भी भरे हुए पानी से निकलते हैं, उन्होंने कहा कि न्यायालय कक्ष में भी पानी भर गया है, वह न्यायिक अधिकारियों से मांग करते हैं कि जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान किया जाए, जिससे वादकारी के साथ-साथ अधिवक्ताओं को परेशानी न हो।
इस दौरान अधिवक्ता ओम प्रकाश कौशिक, ओम शंकर अग्रवाल, राजकुमार गोयल, जितेंद्र पांडे, हुल अवस्थी, दीपक मिश्रा, चंद्रेश गोस्वामी, विश्वेश शर्मा, आशीष गोयल, राहुल कुमार, नरेंद्र पुरोहित, विपिन निरंजन सहित अन्य अधिवक्ताओं ने जल्द से जल्द इस समस्या के निदान की मांग जिला जज और उच्च न्यायालय से की है।