मंगलवार को जालौन के जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय और पुलिस अधीक्षक डॉक्टर दुर्गेश कुमार ने अपर जिलाधिकारी और उप जिलाधिकारी उरई के साथ मिलकर उरई तहसील क्षेत्र के बेतवा नदी किनारे बसे दर्जनों गांवों का निरीक्षण किया, साथ ही बेतवा नदी किनारे बसे ग्रामीणों को बढ़ते जल स्तर को देखते हुए सचेत रहने के निर्देश दिए, साथ ही जनपद की सभी 82 बाढ़ चौकियों को भी सतर्क रहने के लिए कहा है। इस दौरान जिलाधिकारी ने ग्रामीणों से बात करते हुए उन्हें निर्देश दिए कि कोई भी ग्रामीण बेतवा नदी किनारे न जाए, न ही अपनी जानवरों को चराए, क्योंकि बेतवा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।
बता दे कि ललितपुर के माता टीला बांध और राजघाट से लगभग 5 लाख क्यूसिक पानी बेतवा नदी में छोड़ा गया है, जिस कारण बेतवा नदी के जल स्तर में लगातार तेजी बढ़ रही है। बेतवा नदी का जलस्तर 2 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है और यह खतरे की निशान के करीब पहुंच गया है, जिससे नदी किनारे किसानों की फसल पूरी तरह से जलमग्न हो गई है, जिसको देखते हुए जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय, पुलिस अधीक्षक डॉक्टर दुर्गेश कुमार, अपर जिलाधिकारी संजय सिंह, उरई उप जिलाधिकारी हेमंत पटेल ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर उरई तहसील के बेतवा नदी किनारे बसे मुहाना और आस पास के ग्रामों का स्थलीय निरीक्षण किया, इस दौरान जिलाधिकारी ने ग्रामीणों से बात की और उनसे समस्याओं के बारे में पूछा। साथ ही जिलाधिकारी ने ग्रामीणों को सचेत करते हुए कहा कि कोई भी नदी किनारे अपने जानवरों को लेकर न जाए, इसके अलावा उन्होंने ग्रामीणों को भी सचेत रहने के लिए कहा है, और यदि उन्हें खतरे का आभास हो तत्काल सूचना दें, जिससे उन्हें सकुशल बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकाला जा सके।
इस दौरान जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय ने कहा कि जनपद में अभी बाढ़ की स्थिति नहीं है, लेकिन बेतवा नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है, लेकिन घबराने की कोई बात नहीं है। जनपद की सभी 82 बाढ़ चौकियां को अलर्ट कर दिया गया है, सिंचाई विभाग के साथ-साथ तहसील स्तर के प्रशासनिक अधिकारियों को भी सचेत रहने के लिए कहा है, जो पल-पल की जानकारी लेते रहेंगे। उन्होंने कहा कि बाढ़ की स्थिति को देखते हुए तीन तरह की योजना बनाई जाती है, अभी किसी को घबराने की कोई जरूरत नहीं है।