झांसी से आई एंटी करप्शन टीम ने बिजली विभाग में तैनात एक बाबू को ट्यूबवेल कनेक्शन के नाम पर किसान से रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया, यह कार्रवाई किसान की शिकायत के बाद एंटी करप्शन टीम ने की है। बाबू को गिरफ्तार करने के बाद एंटी करप्शन टीम उरई कोतवाली ले आई, जिसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी।
पूरा मामला उरई कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कालपी रोड स्थित ऊर्जा भवन का है। यहां कैलिया खुर्द ग्राम के रहने वाले किसान विकास कुमार पुत्र जगदीश प्रसाद से ट्यूबवेल कनेक्शन के नाम पर आवेदन किया था, मगर ऊर्जा भवन के बिजली विभाग खंड एक में लिपिक पद पर तैनात मोहन सिंह पुत्र जीत सिंह किसान की फाइल को आगे नहीं बढ़ा रहा था और फाइल को आगे बढ़ाने के लिए 7 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा रहा, जिससे किसान विकास परेशान घूम रहा था, 18 मार्च को वह लिपिक मोहन सिंह के पास गया था जहां उसे रुपए मांगी जा रहे थे, इससे परेशान होकर विकास ने झांसी में एंटी करप्शन टीम को इसके बारे में अवगत कराया।
जिस पर एंटी करप्शन टीम ने विकास को माध्यम बनाया और 7 हजार रुपए की जगह 5 हजार देने की डील कराई, जिसके बाद गुरुवार को विकास ऊर्जा भवन में बिजली विभाग खंड एक में तैनात मोहन सिंह के पास ट्यूबवेल कनेक्शन की फाइल को आगे बढ़ाने के लिए 5 हजार रुपए की रिश्वत देने पहुंचा, जहां मोहन सिंह ने किसान विकास से जैसे ही 5 हजार रुपए की रिश्वत ली, उसी दौरान झांसी से आई एंटी करप्शन टीम के इंस्पेक्टर शादाब खान और उनकी 14 सदस्यीय टीम ने तत्काल पाउडर में रंगे हुए नोटों के साथ लिपिक मोहन सिंह को हिरासत में ले लिया, जब मोहन सिंह के हाथ धुलवाए गए तो उसके हाथ रंग गए, इसके बाद बिजली विभाग में हड़कंप पहुंच गया।
एंटी करप्शन टीम लिपिक को अपने साथ लेकर कोतवाली ले आई, जहां रिश्वत के आरोप में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी।