जालौन की कोंच तहसील के खतौनी कार्यालय में कर्मचारियों की कमी के कारण वादकारियों के साथ वकीलों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, वही आदेश होने के बाद नामांतरण भी 4 से 6 माह में दाखिल हो पा रहा है, जिससे परेशान होकर कोंच बार एसोशिएशन के अधिवक्ताओं ने तहसील में प्रदर्शन किया गया, साथ ही एसडीएम ज्योति सिंह को ज्ञापन देते हुए, इस समस्या का जल्द से जल्द निदान करने की मांग की है।
कोंच बार एसोसिएशन के महामंत्री दीनानाथ निरंजन ने बाढ़ के अधिवक्ता ओमप्रकाश कौशिक, राघवेंद्र निरंजन, शैलेंद्र, रामशरण कुशवाहा, राम लखन कुशवाहा सहित दर्जनों अधिवक्ताओं ने उप जिलाधिकारी को ज्ञापन देते हुए बताया कि खतौनी कार्यालय में मात्र एक संविदा कर्मी नियुक्त है, जो पर्चा शुल्क जमा करता है, फिर खतौनी निकालता है, फिर मोहर लगाकर रजिस्टर में दर्ज करता है, फिर उसका वितरण करता है, जिसने काफी समय लग जाता है, जिससे किसानों को लाइन में लगा रहना पड़ता है, नंबर न आने के कारण किसानों को वापस लौटना पड़ता है।
वहीं सर्दी अधिक होने के कारण किसान भी बीमार पड़ रहे हैं, इसीलिए कार्यालय में तीन कर्मचारियों की नियुक्ति की जाए। वही निबंधन कार्यालय में बैनामा होने के बाद नामांतरण की प्रक्रिया भी 3 से 4 माह बाद शुरू हो पाती है, इसके बाद नामांतरण में 45 दिन का समय बीत जाता है, जिससे क्रेता बहुत परेशान रहता है और वाद-विवाद की स्थिति बन जाती है के, इसी तरह उपजिलाधिकारी न्यायालय में कुरा/बटवारा, दुरुस्ती आदेश पारित होने के बाद तीन-चार माह तक खतौनी में दर्ज नहीं होते हैं।
साथ ही तहसीलदार के न्यायालय से पारित आदेश के वाद दाखिल दफ्तर फाइल की सूची उपलब्ध नहीं होती है, जिस कारण पारित आदेश की पक्की नकल उपलब्ध नहीं हो पाती, जिससे अधिवक्ता व वादीगणों को परेशानी का सामना करना पड़ता है, इसके अलावा निर्वतमान आर के व वर्तमान आर के निस्तारित फाइलें अपने-अपने घर पर रखे हुए हैं, जिससे अधिवक्ताओं और वादी गण को परेशान होना पड़ता है, इन समस्याओं को लेकर जल्द से जल्द निदान किया जाए।