Wednesday, June 18, 2025
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जिस बुंदेलखंड को मुगल और अंग्रेज नहीं बना सके गुलाम, उसका बटवारा कर नेताओं ने बना दिया गुलाम, इसीलिए अब न यूपी और न एमपी का रहना गुलाम, चाहिए अलग बुंदेलखंड राज्य:- राजा बुंदेला

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न हम उत्तर प्रदेश के गुलाम रहना चाहते हैं और न ही मध्य प्रदेश के गुलाम रहना चाहते हैं। 70 साल की गुलामी में सरकार की विकास की योजनाओं को भी देख लिया, सरकार द्वारा किए गए विकास के वादे को भी देख लिया, मगर यहां के हालत जस के तस बने हुए है। यह बात पृथक बुंदेलखंड राज्य के निर्माण की मांग को लेकर गांव-गांव, पांव-पांव यात्रा लेकर चल रहे बुंदेलखंड विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष अभिनेता राजा बुंदेला ने यात्रा के 11 वें दिन जालौन के हिम्मतपुर तथा सतराजू गांव में ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कही।

आजादी के बाद बांट दिया बुंदेलखंड को

26 दिसम्बर से शुरू हुई दूसरे चरण की गांव गांव पांव यात्रा रविवार को 11 वें दिन 710 किलो मीटर का सफर तय करने के बाद महेवा विकासखंड के हिम्मतपुर सतरजू गांव पहुंची, जहां यात्रा का जोरदार तरीके से ग्रामीणों ने जय बुंदेलखंड बोलकर स्वागत किया। इस दौरान ग्रामीणों को सम्बोधित करते हुए राजा बुंदेला ने कहा कि बुंदेलखंड राज्य का निर्माण उनके स्वाभिमान की लड़ाई है। एक समय देश में मुगल और अंग्रेजों का शासन हुआ करता था तब बुंदेलखंड को मुगल और अंग्रेज बुंदेलखंड पर शासन नहीं कर सके और न ही इसका बटवारा कर पाए, लेकिन आजादी के बाद क्या कारण रहा जो बुंदेलखंड को खत्म किया गया। यहां की 5 करोड़ की जनता के सामने इसकी वजह सरकार को पेश करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि क्या डाकुओं के कारण बुंदेलखंड को दो भागों में बांट दोगे।

गांव-गांव, पांव-पांव यात्रा के दौरान जन चौपाल लगाते राजा बुंदेला और अशोक राठौर

उन्होंने कहा कि सरकार की नियत कुछ और थी और नियत यह थी कि इस इलाके के भू भाग पर रहने वाले लोगों को गुलाम बनाया जाए, क्योंकि दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, कानपुर, लखनऊ में नेताओं और अधिकारियों को नौकर की जरूरत होती थी, इसीलिए बुंदेलखंड के लोगों को अपने काम के लिए नौकर बनाकर रख दिया, जिससे बुंदेलखंड के लोग कुछ काम न कर सके, इसीलिए इस क्षेत्र का बंटवारा कर दिया गया और यहां के लोगों को गुलाम बनाकर रख दिया।

बुंदेलखंड के लोग शौर्य और पराक्रम के लिए जाने जाते

बुंदेलखंड विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष फिल्म अभिनेता राजा बुंदेला ने कहा कि जो बुंदेलखंडी अपने शौर्य, साहस और पराक्रम के लिए जाने जाते थे, उस बुंदेलखंड के लोगों को हुकमरानों ने गुलाम बनाकर रख दिया। जब अंग्रेजो का शासन हुआ करता था, तब बड़े-बड़े राजा डर के मारे अंग्रेजों के गुलाम हो गए, मगर बुंदेलखंड की लोगों ने, यहां तक की महिलाओं ने भी अंग्रेजों की गुलामी पसंद नहीं की, लेकिन आजादी के बाद इस क्षेत्र को गुलाम बनाकर रख दिया।

ग्राम प्रधान और किसान नेता समर्थन पत्र सौंपते

यहां के लोगों को अपने स्वार्थ के लिए हुकमरानों ने बनाया गुलाम

पृथक बुंदेलखंड के निर्माण के लिए संघर्ष कर रहे राजा बुंदेला ने कहा कि हुक्मरान गाजियाबाद, इटावा, सैफई, गोरखपुर का है, लेकिन बुंदेलखंड का कोई भी हुक्मरान नहीं है और जो वह कहता है, उसको बुंदेलखंड के लोग मानते हैं, बुंदेलखंड के लोग सिर्फ गुलाम बन कर रह गए हैं, यहां सात नदियों का पानी होने के बावजूद भी बुंदेलखंड प्यासा है, यहां के लोग अपनी आवाज नहीं उठा पा रहे हैं, यहां चार जगह बिजली बन रही है, लेकिन यहां के लोगों को बिजली नसीब नहीं है, यहां के किसानों को खाद, पानी की समस्या है, लेकिन यहां के किसानों की बातों को सुना नहीं जा रहा है। खाद के लिए भी उसे रातों-रात जागना पड़ता है, सिंचाई के लिए भी उसे परेशान होना पड़ता है, मगर हुक्मरान के कानों में जू तक नहीं रेंग रही है।

प्रदेश में चार पार्टियों की सरकार, नहीं किया कोई विकास

पिछले 70 साल से हर पार्टी यही कह रही है कि बुंदेलखंड के लिए विकास की योजनाएं भेजी है, बुंदेलखंड के लिए बड़ी बड़ी बातें की, मगर प्रदेश में सत्ता में रहने वाली चारों पार्टियों द्वारा कोई भी विकास बुंदेलखंड में नहीं किया गया। सभी पार्टियों बीते 70 वर्षों से यही कह रही हैं कि बुंदेलखंड में बिजली दे दी, बुंदेलखंड में रोड बना दिया, बुंदेलखंड में डैम बना दिया, अगर यही सब किया होता तो बुंदेलखंड में राम राज्य हो गया होता गया, स्वर्ग बन गया होता, मगर इन सत्ताधारी पार्टी और इनके नेताओं ने सिर्फ अपनी जेब भरने का काम किया।

बुंदेलखंड के पैसे से बनाई बड़ी बड़ी लंका

उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड को कुछ नहीं दिया गया, यहां के नेताओं ने अपनी बड़ी-बड़ी लंका बनाई, यहां बड़े-बड़े मंसूबे लेकर आए, यहां के लोगों को गरीब से गरीब बना दिया, जिससे यहां के लोगों को गुलाम बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि अब इस सिस्टम में नहीं रहना चाहते, न ही उत्तर प्रदेश के गुलाम रहना चाहते हैं और न ही मध्य प्रदेश के गुलाम रहना चाहते हैं, 70 सालों से विकास की योजनाएं देख ली, विकास के वादे देख लिए। बुंदेलखंड का नौजवान बीए-एमए करने के बाद दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद में छोटी सी नौकरी करके अपना पेट भर रहा है।

गांव-गांव, पांव-पांव यात्रा में मौजूद ग्रामीण

यहां कही मस्जिद में नहीं मिल रहे मंदिर

राजा बुंदेला ने कहा कि बुंदेलखंड में कहीं भी मस्जिद से मंदिर नहीं निकल रहे हैं, बल्कि प्रदेश में हर जगह से मस्जिद से मंदिर निकल रहे हैं, क्योंकि बुंदेलखंड के लोगों में इतना साहस था कि मुगल यहां पर घुस नहीं सके हैं, बल्कि जो मुस्लिम थे, वह सब हमारे साथ थे। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड की खस्ता हालत देश के नेताओं ने किया है, इसे हमारे देशवासियों ने ही खत्म किया है, क्योंकि वह चाहते थे कि बुंदेलखंड के लोग कैसे भी गुलाम बन जाए और आज बुंदेलखंड की खराब हालत यहां के नेताओं ने जात-पात के नाम पर बांट कर कर दी है। बुंदेलखंड के लोगों के अंदर हैं भावना पैदा कर दी कि वह ओबीसी है, वह एसी है, वह वामन है वह ठाकुर है। उन्होंने कहा कि यहां पर 12 साल तक रामचंद्र जी वनवास में सीता और लक्ष्मण के साथ रहे, उन्हें कुछ नहीं हुआ, जैसे ही वह बुंदेलखंड से बाहर निकले सीता का हरण हो गया, लक्ष्मण को शक्ति लग गई और सारी दुर्घटनाएं घट गई।

सीएम योगी पर भी साधा निशाना

राजा बुंदेला ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नहीं थे और वह गोरखपुर से सांसद थे, तब वह पूर्वांचल राज्य की मांग करते थे, मगर जब से वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने हैं तब से वह सब भूल गए।

ग्रामीणों को संबोधित करते यात्रा के आयोजक अशोक राठौर

बुंदेलखंड बनने से होगा विकास

शिक्षक नेता और गांव-गांव, पांव-पांव यात्रा के साथ शुरुआत से चलने वाले अशोक राठौर ने कहा कि इस क्षेत्र का विकास तभी होगा जब बुंदेलखंड राज्य बनेगा, उन्होंने कहा कि हमें सभी की जुबान पर बुंदेलखंड का नाम लाना होगा। शिक्षक नेता अशोक राठौर ने कहा कि सभी से राम-राम के साथ जय बुंदेलखंड जरूर कहना है, साथ ही फोन कर हेलो की जगह जय बुंदेलखंड बोलना है, जिससे यह आभास सभी को हो सके कि बुंदेलखंड का बनना जरूरी हो गया है।

ग्राम प्रधानों और किसानों ने दिया समर्थन

यात्रा के 11 वें दिन महेवा विकासखंड के हिम्मतपुर तथा सतरजू गांव में भारतीय किसान यूनियन के साथ ग्राम प्रधानों ने राजा बुंदेला को पृथक बुंदेलखंड राज्य के निर्माण में सहभागिता देने का समर्थन किया, किसानों और प्रधानों ने कहा कि वह बुंदेलखंड राज्य निर्माण के लिए एकजुट है और अपना समर्थन देते हैं जहां भी जैसी भी जरूरत होगी, वहां पर किसान, ग्रामीण प्रधान सब एकजुट होकर आगे आएंगे।

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