बुंदेलखंड क्षेत्र में दो दिन से हो रही मूसलाधार बारिश का असर अब नदियों में भी दिखाई देने लगा है। ललितपुर के माताटीला बांध और राजघाट बांध से छोड़े गए चार लाख 82 हजार क्यूसिक पानी और हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से यमुना नदी में छोड़े गए लाखों क्यूसिक पानी के बाद से जालौन से निकलने वाली यमुना और बेतवा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
यमुना का जलस्तर 11 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से, वहीं बेतवा का जलस्तर 2 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है यमुना अपने खतरे के निशान से 8 मीटर नीचे बह रही है, जबकि बेतवा खतरे के निशान से महज 2 मीटर नीचे है, जिसको देखते हुए प्रशासन ने सभी बाढ़ चौकियां को अलग कर दिया है।
मंगलवार को अपर जिलाधिकारी संजय सिंह ने फ्लड बुलेटिन जारी करते हुए बताया कि मंगलवार को यमुना नदी का जलस्तर में 11 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है, उन्होंने अवगत कराते हुए बताया कि मंगलवार सुबह 8 बजे तक यमुना का जल स्तर 100.04 मीटर को पार कर चुका है, जबकि चेतावनी 107 मीटर की है, जबकि खतरे का निशान 108 मीटर है, अभी यमुना खतरे के निशान से 8 मीटर नीचे बह रही है।
जबकि माताटीला बांध और राजघाट से पानी छोड़े जाने के बाद से बेतवा नदी का जलस्तर 2 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। मंगलवार सुबह 8:00 बजे तक मुहाना से गुजरने वाली बेतवा नदी का जलस्तर 119.900 मीटर हो गया है, जबकि चेतावनी का स्तर 121.660 मीटर है, जबकि खतरे का निशान 122.660 मीटर है। अपर जिलाधिकारी ने बताया कि इसको देखते हुए बेतवा नदी के किनारे बसे सभी गांव के ग्रामीणों अलर्ट कर दिया है, साथ ही बाढ़ चौकियां भी सचेत कर दी गई है, जिससे स्थिति खराब होने पर ग्रामीणों को सुरक्षित निकाला जा सके।
वही ग्रामीणों को चेतावनी दी गई है कि कोई भी नदी किनारे न जाए और न ही अपने जानवरों को नदी की तरफ छोड़े। बता दें कि लगातार बढ़ रहे जलस्तर के कारण बेतवा नदी किनारे रहने वाले किसानों की फसल भी जलमग्न हो गई है।