Monday, December 23, 2024
spot_img

जालौन के अमीटा गांव की रहने वाली स्वाति ने बढ़ाया देश का मान, युगांडा में आयोजित पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में जीते 2 कांस्य पदक, लौटने पर हुआ जोरदार स्वागत

spot_img

प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती है, ऐसा ही कर दिखाया है जालौन के कोंच तहसील की अमीटा गांव की रहने वाली दिव्यांग बैडमिंटन खिलाड़ी स्वाति सिंह ने जिसने अपने खेल के दम पर दक्षिण अफ्रीका के युगांडा शहर में आयोजित बैडमिंटन चैंपियनशिप में दो कांस्य पदक जीत कर देश और जिले का नाम रोशन किया है। स्वाति सिंह के जालौन के उरई रेलवे स्टेशन पहुंचने पर शुभचिंतकों और आरपीएफ जवानों ने जोरदार स्वागत किया। इस दौरान उनके समर्थकों बैंड बाजे के साथ जुलूस निकालकर जोरदार स्वागत किया।

बता दे कि साउथ अफ्रीका के युगांडा शहर में 1 से 7 जुलाई के बीच अंतर्राष्ट्रीय पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप प्रतियोगिता का आयोजन हुआ था, जिसमें देश के कई दिव्यांग खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया, जिसमें खिलाड़ियों ने देश के लिए 3 गोल्ड और दो कांस्य पदक जीते हैं। इसमें छात्रा रुचि त्रिवेदी को 3 गोल्ड एवं जालौन की स्वाति सिंह ने दो कांस्य पदक जीते हैं। वहीं, मेडल जीतने के बाद स्वाती अपने घर लौटी तो जिले के लोगों ने भव्यता से बेटी का स्वागत किया। वहीं, स्वाती ने कहा कि देश के लिए मेडल जीत पाना बहुत खुशी की बात है।

रेलवे के कर्मचारी स्वाति का स्वागत करते हुए

अफ्रीका के युगांडा शहर से ब्रोंज मेडल जीतकर लौटी स्वाति का लोगों ने खूब स्वागत किया। जालौन के अमीटा गांव की रहने वाली स्वाति सिंह ने बैडमिंटन चैंपियनशिप प्रतियोगिता में दो ब्रोंज मेडल जीतकर जिले के साथ अपने गांव का भी मान बढ़ाया है। गांव की ग्रामीण बेटी की जीत से बेहद खुश नज़र आ रहे हैं। स्वाती अपने शहर लौटी तो रेलवे स्टेशन पर समाज सेवियों व रेलवे कर्मचारियों ने उसका स्वागत किया गया। स्वाती ने बताया कि फिलहाल जीत का सफर तो शुरू हुआ अभी मंजिल तक पहुंचाना बाकी है।

स्वाती एक हाथ से दिव्यांग है, लेकिन उन्होंने अपने एक हाथ को ही अपनी ताकत बनाया और बैडमिंटन के इस खेल में कभी बाधा नहीं बनने दिया। इसी दम पर उसने अपने प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ियों को चारों खाने चित कर दिया।

खेल प्रशंसक बैडमिंटन खिलाड़ी स्वाति का स्वागत करते हुए

स्वाति ने बातचीत के दौरान बताया कि वह लखनऊ के डॉ शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में बैचलर ऑफ आर्ट की छात्रा है। उसके पिता किसान है और माता गृहणी, आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह से बड़े कंपटीशन में खेलना उसका सपना रह गया था।

इस बीच जालौन डीएम से मदद की गुहार लगाई थी ,जिसमे डीएम राजेश पांडेय और एसपी जालौन ईरज राजा ने खेल किट देकर मदद की। इसके बाद समाजसेवी रमाकांत दोहरे की एक छोटी सी मुहिम से समाज के लोगों ने लगभग 70 हजार रुपए की आर्थिक मदद कर उसे युगांडा के लिए भेजा। लोगों की मदद से उसने देश के लिए मेडल जीते हैं और आगे भी वह जीत का सफर जारी रखेंगी।

spot_img

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_img

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img
- Advertisement -spot_img

Latest Articles

- Advertisement -spot_img
error: Content is protected !!