उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने माफिया डॉन सजायफ्ता कैदी मुख्तार अंसारी की मौत पर बड़ा सवाल उठाया है, उन्होंने कहा कि जब उत्तर प्रदेश में फर्जी पुलिस मुठभेड़ हो सकती है, जेल के अंदर पिस्तौल जा सकती है, तो माफिया मुख्तार अंसारी को जेल में जहर क्यों नहीं दिया जा सकता है, जब मुख्तार ने कोर्ट में यह आरोप पेशी के दौरान लगाया था, तो इसीलिए इस मामले की तत्काल सीबीआई जांच उत्तर प्रदेश सरकार करानी चाहिए, जिससे उसकी मौत की हकीकत सामने आ सके।
यह बयान पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने जालौन के कोंच नगर में ब्रजेश राजावत के आवास पर दिया, वह यहां एक निजी कार्य में शामिल होने के लिये आए थे। पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह से मुख्तार की मौत को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि उसकी मौत कैसे हुई है, इसका अंदाजा लगाना संभव नहीं है, उन्होंने कहा कि वह राज्य की अभिरक्षा में था, और उसने न्यायालय में आरोप भी लगाया था कि उसे धीमा जहर दिया जा रहा है, उसकी हत्या की जा सकती है, इसीलिए सरकार को अपना स्टैंड क्लियर करना जरूरी है, जिससे किसी प्रकार का संदेह न रह जाए, इसलिए मामले की सीबीआई जांच करना बहुत जरूर है और जल्द से जल्द इसकी जांच कराई जाए, जिससे साफ हो सके कि मुख्तार की मौत कैसे हुई है।
जब उनसे पूछा कि जब आप आईजी जेल थे, तो जेल में इस तरीके की घटना हो सकती हैं, तो उन्होंने कहा कि होने के लिए सब कुछ हो सकता है, पुलिस वाले फर्जी मुठभेड़ कर सकते हैं, इस वक्त ढाई सौ पुलिस वाले जेल में है, जो सजायफ्ता और कुछ पर अंडर ट्रायल चल रहा है, जब पुलिस वाला हत्या कर सकता है, तो क्या नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि जेल के अंदर पिस्तौल जा सकती है, तो बहुत कुछ हो सकता है। लेकिन इस तरीके का गैस करना एक पुलिस वाले के लिए सही नहीं है, लेकिन मुख्तार अंसारी ने को आरोप लगाया था और उसके बाद घटना हुई है इसलिए इस पर संदेह उत्पन्न हुआ है, तो इसकी निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई जांच करना बेहद जरूरी है और यूप सरकार इसकी सीबीआई जांच कराए।